24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडानी समूह के शेयर की कीमत दबाव में है। इसका असर अडानी पोर्ट्स पर भी पड़ा। शेयर तीन महीने में 23.52% नीचे हैं।
हिंडनबर्ग विवाद के बीच अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) तेजी से कारोबार कर रही है। हाल ही में, कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मंजूरी के तहत कराईकल पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (KPPL) के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की है।
कारोबार के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को अदानी पोर्ट्स के शेयर दबाव में आ गए। शेयर 627.75 रुपए है। पिछले दिन की तुलना में इसमें 0.64% की कमी आई है। अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक शेयरों पर विशेषज्ञ उत्साहित हैं। IIFL सिक्योरिटीज विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने अडानी पोर्ट के लिए 680-720 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है।
वहीं निवेशकों को खरीदारी की सलाह दी जाती है। और स्टॉप लॉस 590 रुपये से 600 रुपये के बीच रखें। जानकारों की मानें तो पोर्ट बिजनेस शानदार तरीके से बढ़ रहा है। आमदनी बढ़ने के आसार हैं। साथ ही कृषि आयात में उछाल से लाभ होगा।
3 महीने से दबाव में शेयर
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडानी समूह के शेयर की कीमत दबाव में है। इसका असर अडानी पोर्ट्स पर भी पड़ता है। शेयर तीन महीने में 23.52% नीचे हैं। बीएसई पर शेयर 627.75 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसका बाजार पूंजीकरण 1,356,027.2 करोड़ रुपये है।