जब हम बाजार में कुछ खरीदने जाते हैं। इस समय हमें सबसे ज्यादा जरूरत बैंकनोट्स यानी पैसों की है। भारत में ये बैंक नोट 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 के मूल्यवर्ग में हैं। छपाई का काम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन बैंक नोटों को छापने में कितना खर्च आता है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं.
जैसा कि आप जानते हैं कि साल 2016 में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की थी और फिर नोटबंदी के समय बैंक ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था। इसके बाद 500 के पुराने नोटों को बदलने के लिए नए नोट छापे गए, लेकिन 1,000 के नोटों को बंद कर दिया गया और इसके बदले 2,000 के नोट लॉन्च किए गए। तो आइए हम आपको बताते हैं कि 10 से 2000 रुपए तक के बैंक नोट छापने में कितना खर्च आता है।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) में बैंक नोटों की छपाई के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को दिया गया खर्च इस प्रकार है।
नोट छापने का खर्च
- 10 रुपए के हजार नोट की छपाई के लिए 960 रुपए का खर्च।
- 20 रुपए के एक हजार नोट छपाई के लिए 950 रुपए का खर्च ।
- 50 रुपये के एक हजार नोट छपाई के लिए 1,130 रुपये का खर्च ।
- 100 रुपये के एक हजार नोट छापने की लागत 1,770 रुपये।
- 200 रुपये के एक हजार नोट की छपाई के लिए 2,370 रुपये का खर्च।
- 500 रुपये के एक हजार नोट छापने में 2,290 रुपये का खर्च।
अगर हम सभी नोटों की छपाई की लागत पर नजर डालें तो आरबीआई ने पाया कि 10 रुपये के नोट छापना 20 रुपये के नोटों से महंगा है और 200 रुपये के नोटों को छापना 500 रुपये से ज्यादा महंगा है। हालाँकि, अगर हम 2000 रुपये के नोटों की छपाई की बात कर रहे हैं, तो उनका विवरण 2018-19 तक उपलब्ध नहीं है।