मोनू ...मम्मी में भगवान की तरह दीखता हु क्या ...???....मम्मी ..

अध्यापक - कमीने पढाई शरू कर दो
पेपर आने वाले है
बबलू - में तो खूब पढाई कर रहा हु
कुछ भी पूछ लो
अध्यापक - बता ताजमहल किसने बनाया
बबलू -मिस्त्री ने
अध्यापक - अबे गधे मतलब किसने बनवाया
बबलू - ठेकेदार ने बनवाया होगा ??
अध्यापक - एक तरफ पैसा
दूसरी तरफ अकक्ल ,क्या चुनोगे ??
दब्बू - पैसा
अध्यापक - गलत , में अकक्ल चुनती
दब्बू - आप सही बोल रहे हो
जिसके पास जिस चीज की कमी होती है वो वही चुनता है ..
दे थपड थे थपड़ ??
पापा - हरीश से - देखो बेटा , जुआ नहीं खेलते ।
यह एक ऐसी आदत है की यदि इसमें आज जीतोगे तो कल हारोगे
परसो जीतोगे तो उसके अगले दिन हार जाओगे।
हरीश - बस ,पापा !! में समझ गया ,आगे से में एक दिन छोड़कर खेला करुगा।
मोनू - मम्मी कि में भगवान की तरह दीखता हु ..??
मम्मी - नहीं ,पर तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो बेटा।
मोनू -क्युकी मम्मी में कहि भी जाता हु तो सब यही कहते है
भगवान फिर आ गया।