किचन की ये 3 टेस्टी चीजें सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं, इन्हें White Poison के नाम से जाना जाता हैं
Wed, 7 Apr 2021

हम खाना इसलिए खाते हैं, ताकि हमें जरूरी पोषक तत्व और ऊर्जा मिल सके लेकिन हमारी किचन में मौजूद कुछ खाने वाले पदार्थ ऐसे भी हैं जो सेहत को लाभ नहीं, बल्कि नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें चीनी, नमक, मैदा जैसी चीजें शामिल हैं। कई हेल्थ विशेषज्ञ तो इन खाने वाली चीजों को White Poison का नाम भी दे चुके हैं। इनका थोड़ी मात्रा में इनका सेवन हमारे लिए जरूरी है, लेकिन अधिक मात्रा में इन सब चीजों का सेवन सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है।
सफेद चीनी
सफेद चीनी को रिफाइंड शुगर भी कहा जाता है। इसे रिफाइन करने के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड, फास्फोरिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड और एक्टिवेटेड कार्बन का उपयोग किया जाता है। रिफाइनिंग के बाद इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, एंजाइम्स और दूसरे लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, केवल सूक्रोज ही बचता है और सूक्रोज की अधिक मात्रा शरीर के लिए घातक होती है। चीनी के अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन रेजिस्टेंस और उच्च रक्तचाप जैसी परेशानियां हो जाती हैं। चीनी के अधिक सेवन से पेट पर वसा की परतें जमा हो जाती हैं। इसके कारण मोटापा, दांतों का सड़ना, डायबिटीज और खराब इम्यून सिस्टम जैसी समस्याओं का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है।
नमक
खाने में अगर नमक की मात्रा ज्यादा हो जाए तो खाने का पूरा स्वाद खराब हो जाता है। उसी तरह अगर शरीर में ज्यादा मात्रा में नमक जाने लगे तो यह सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। नमक का ज्यादा सेवन दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है। विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा नमक हाई बी पी का कारण भी बनता है।
मैदा
मैदा गेहूं से बनता है। एक ओर जहां गेहूं को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है वहीं मैदे को खतरनाक। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी छिलके को पूरी तरह हटा दिया जाता है। जिससे उसका फाइबर पूरी तरह निकल जाता है। फाइबर मुक्त होने की वजह से मैदे का सेवन कब्ज की परेशानी का कारण बनता है।
सफेद चीनी
सफेद चीनी को रिफाइंड शुगर भी कहा जाता है। इसे रिफाइन करने के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड, फास्फोरिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड और एक्टिवेटेड कार्बन का उपयोग किया जाता है। रिफाइनिंग के बाद इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, एंजाइम्स और दूसरे लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, केवल सूक्रोज ही बचता है और सूक्रोज की अधिक मात्रा शरीर के लिए घातक होती है। चीनी के अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन रेजिस्टेंस और उच्च रक्तचाप जैसी परेशानियां हो जाती हैं। चीनी के अधिक सेवन से पेट पर वसा की परतें जमा हो जाती हैं। इसके कारण मोटापा, दांतों का सड़ना, डायबिटीज और खराब इम्यून सिस्टम जैसी समस्याओं का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है।
नमक
खाने में अगर नमक की मात्रा ज्यादा हो जाए तो खाने का पूरा स्वाद खराब हो जाता है। उसी तरह अगर शरीर में ज्यादा मात्रा में नमक जाने लगे तो यह सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। नमक का ज्यादा सेवन दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है। विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा नमक हाई बी पी का कारण भी बनता है।
मैदा
मैदा गेहूं से बनता है। एक ओर जहां गेहूं को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है वहीं मैदे को खतरनाक। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी छिलके को पूरी तरह हटा दिया जाता है। जिससे उसका फाइबर पूरी तरह निकल जाता है। फाइबर मुक्त होने की वजह से मैदे का सेवन कब्ज की परेशानी का कारण बनता है।