इस बढ़ोतरी से ईपीएफ सदस्यों को भी काफी फायदा होगा। पिछले साल सीबीटी ने ईपीएफ की ब्याज दर को घटाकर 40 साल के निचले स्तर पर कर दिया था।
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट ने पीएफ पर ब्याज बढ़ाया। सरकार ने EPF पर ब्याज दर 8.10% से बढ़ाकर 8.15% कर दी है। इस बढ़ोतरी से ईपीएफ सदस्यों को भी काफी फायदा होगा। पिछले साल सीबीटी ने ईपीएफ की ब्याज दर को घटाकर 40 साल के निचले स्तर पर कर दिया था। ईपीएफओ सीबीटी की बैठक दो दिन चली। संभवतया, सरकार या तो ब्याज दरों को थोड़ा बढ़ा देगी, या उन्हें स्थिर रखेगी। सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए सीपीएफ जमा दर को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा। ईपीएफओ सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से पुष्टि किए जाने के बाद ही दर की पेशकश करता है।
EPFO fixes 8.15 pc interest rate on employees’ provident fund for 2022-23: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) March 28, 2023
ईपीएफओ दरों का इतिहास कुछ इस तरह जाता है
- ऐतिहासिक आंकड़ों से, 1990 के दशक के अंत में EPF की दर एक बार 10% से अधिक हो गई थी।
- 1985-86 से, ब्याज दर 10% से ऊपर बढ़ी, 2000-01 वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़कर 12% हो गई।
- 2001-02 वित्तीय वर्ष के बाद से सीपीएफ दर 10% से नीचे रही है।
- सीपीएफ दर 2001-02 से 2004-05 तक 9.50% पर रही, लेकिन 2005-06 और 2009-10 के बीच घटकर 8.50% रह गई।
- 2010-11 वित्तीय वर्ष में भविष्य निधि की दर अस्थायी रूप से बढ़कर 9.50% हो गई, लेकिन 2011-12 में इसे जल्दी ही घटाकर 8.25% कर दिया गया।
- पिछले दस वर्षों से, भविष्य निधि की दर 8.10% और 8.80% के बीच रही है।
- 2011-12 के वित्तीय वर्ष से 2022 के वित्तीय वर्ष तक, उच्चतम भविष्य निधि दर 2015-16 के वित्तीय वर्ष में 8.80% है, और 2022 के वित्तीय वर्ष में सबसे कम 8.10% है।
- FY2022 से पहले, लगातार दो वित्तीय वर्षों 2020-21 और 2019-20 के लिए भविष्य निधि की दर 8.50% थी।