
बरेली, अमृत विचार। स्कूलों में संसाधनों व सुविधाओं में इजाफा करने के लिए शासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके बावजूद जनपद के जोगी नवादा स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल में पंजीकृत 215 बच्चे पूरी तरह से शिक्षा से वंचित हैं। इसके पीछे विभागीय अधिकारी वजह बता रहे हैं कि स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है। स्कूल में बच्चों को बैठाने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। करीब दो माह बाद भी बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग की ओर से किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
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पूर्व माध्यमिक स्कूल के कुल चार कमरे व बरामदा पूरी तरह बदहाल हो चुका है। कमरे व बरामदे की छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, बल्कि छत में भी दरारें पड़ चुकी हैं। जो कभी भी किसी अप्रिय घटना का कारण बन सकती हैं। कक्षाओं में फर्श विलुप्त हो चुकी है। फर्श की जगह अब गड्ढे हो गए हैं। चार कमरों के बराबर बरामदें की दीवारें और छत से झड़ रहे प्लास्टर से आए दिन किसी न किसी बच्चे या शिक्षक को चोट लगती रही है। स्कूल में न तो शौचालय की व्यवस्था है न पीने के पानी की ।
खंडहर की निगरानी कर रही तीन अनुदेशक
खंडहर नुमा हो चुके स्कूल में सुरक्षा कारणों के चलते बच्चों को नहीं आने दिया जा रहा। खंडहर की निगरानी के लिए तीन अनुदेशकों को लगाया गया है। जो बच्चे नहीं होने पर भी स्कूल में बैठ कर समय व्यतीत कर रहे हैं। स्कूल में शौचालय और पानी की कमी होने से यहां ड्यूटी दे रही महिला अनुदेशकों को कई चुनौतियों का सामना भी सामना करना पड़ रहा है।
स्कूल भवन की दशा बेहद जर्जर है। यह देखते हुए बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी। इसके अलावा भवन के जर्जर हिस्सों को दुरूस्त कराने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है—एमएल वर्मा, नगर शिक्षा अधिकारी।
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