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लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिक्षक भर्ती विज्ञापन मामले की जांच व सुनवाई करने के लिए केजीएमयू प्रशासन को नोटिस जारी किया है। आयोग ने केजीएमयू प्रशासन को पूरे मामले की जानकारी मुहैया कराने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है। आयोग ने केजीएमयू प्रशासन को भेजे पत्र में यह भी कहा है कि यदि समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, तो विधिक कार्यवाई भी की जा सकती है।
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दरअसल, केजीएमयू प्रशासन ने शिक्षक भर्ती के लिए 12 जुलाई के दिन एक विज्ञापन निकाला था। आरोप है कि इस विज्ञापन में केजीएमयू प्रशासन ने आरक्षण नियमों का उल्लंघन किया है। आरोप तो यहां तक है कि यह विज्ञापन आरक्षण रोस्टर समिति के सहमति के बिना नियमों को दरकिनार करते हुए केजीएमयू प्रशासन ने अनुमोदित करा लिया।
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बताया जा रहा है कि इससे पहले भी शिक्षक भर्ती के लिए एक विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें आरक्षण नियमों का उल्लंघन करते हुए भर्तियां की गई। आरोप लगाया जा रहा है कि उस दौरान हुई भर्तियों में सामान्य वर्ग के आवेदक को चयनित कर लिया गया। जबकि आरक्षित वर्ग के आवेदक को जानबूझकर नहीं लिया गया।
इन्हीं बातों को लेकर अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने पूरे मामले की शिकायत राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से की। बताया तो यहां तक जा रहा है कि बैकलॉग एवं सामान्य भर्ती का विज्ञापन भी अलग-अलग निकाला जाना चाहिए।
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