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अमृत विचार, कानपुर। नगर निकाय के साथ कैंट बोर्ड (छावनी परिषद) के चुनाव कराए जाने की अटकलों के बीच रक्षा मंत्रालय ने गजट नोटीफिकेशन जारी करते हुए कानपुर, बरेली समेत यूपी के 16 कैंट बोर्ड सहित देश के 56 कैंट बोडों का कार्यकाल छह माह तक के लिए और बढ़ा दिया है। यह 11 अगस्त से प्रभावी होगा।
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बता दें, कि अक्टूबर 2021 को निर्वाचित कैंट बोर्डों का कार्यकाल खत्म हो गया था तब से तीन सदस्यीय नामित केयर टेकर कैंट बोर्ड सारे प्रशासनिक और आवश्यक विकास संबंधी मामले देख रहा है।
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पहले 29 अक्टूबर 22021 फिर 10 फरवरी 2022 व अब 10 अगस्त 2022 को कार्यकाल बढ़ाया गया है। सीधे जनता से चुनाव होने तक इनका कार्यकाल 6-6 माह तक बढ़ाया जाता रहा है। अबकी तीसरी बार बढ़ाया गया है। इस कार्यकाल में भी ब्रिगेडियर, सीईओ कैंट बोर्ड और जनता की तरफ से नामित प्रतिनिधि कामकाज देखेंगे। कानपुर कैंट बोर्ड में लखन ओमर जनता के प्रतिनिधि हैं।
कैंट बोर्ड के विधिवत गठन तक ही कार्यकाल विस्तार प्रभावित रहेगा। हालांकि अबकी नगर निगमों में महापौर के सीधे जनता से चुनाव की तरह कैंटबोर्ड के उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से होगा।
छावनी (संशोधन) अधिनियम 2022 को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद ही यह संभव होगा। फिलहाल छावनी अधिनियम 2006 ही लागू है। हालांकि छावनी बोर्ड के सिविल एरिया यानी वार्डों का नगर निगम क्षेत्र में विलय को लेकर तेजी से मंथन चल रहा है। राज्यों से भी राय मांगी गयी है। इस पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका।
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