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कानपुर। प्रदेश सरकार में लघु उद्योग मंत्री एवं भोगनीपुर के विधायक राकेश सचान 35 साल पुराने गिट्टी चोरी के मामले में दोषी करार दिए दिए गए। एसीएमएम कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। फैसला आने से पहले ही राकेश सचान कोर्ट से गायब हो गए।
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किदवईनगर निवासी राकेश सचान फतेहपुर से सपा के सांसद रहे हैं। इससे पहले वे घाटमपुर सीट से विधायक बने थे। उन्होंने उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़ कर कांग्रेसी संस्था ग्रहण कर ली थी। सपा से उनकी नाराजगी लोकसभा का टिकट ना मिलना बताया गया था। कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया था। प्रियंका गांधी के वे बेहद करीब थे, लेकिन उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
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भाजपा ने उन्हें कानपुर देहात की भोगनीपुर सीट से विधायक बनाया। अब प्रदेश सरकार में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री हैं। 1993 और 2002 में घाटमपुर सीट से विधायक और 2009 में फतेहपुर से लोकसभा चुनाव जीते राकेश सचान सपा संरक्षक मुलायम सिंह के खास सिपहसलार रहे हैं।
राकेश सचान के विरुद्ध रेल्बे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी का मुकदमा आईपीसी की धारा 389 और 411 यूपी सरकार में दर्ज हुआ था। चोरी की गिट्टी भी बरामद हो गई थी। धारा 389 में मृत्यु दंड या आजीवन कारावास अथवा 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
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