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बरेली, अमृत विचार। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अब ऑनलाइन परिवाद भी स्वीकार किए जाएंगे। वेबसाइट www.edakhil.nic.in पर विजिट कर उपभोक्ता अपनी शिकायत आयोग के समक्ष वाद के रूप में दायर करा सकेंगे। हालांकि, अभी ऑफलाइन प्रक्रिया बंद नहीं की गइ है, मगर उपभोक्ताओं के लिए अब घर बैठे मुकदमा दायर करने का ऑप्शन मिलना राहत भरी खबर है। जिला उपभोक्ता आयोग में चल रहे मुकदमे की सुनवाई कब है, इसकी जानकारी आपको एसएमएस से भी मिलेगी और एक क्लिक पर मुकदमों का हाल भी पता चल जाएगा।
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उपभोक्ता मंत्रालय ने परेशान उपभोक्ताओं को और राहत देने लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को बल देना शुरू किया है। 2014 से कागजों में शुरू हुई यह प्रक्रिया अब मूर्त रूप ले चुकी है और पूरे देश में लागू है। मंत्रालय ने उपभोक्ताओं के लिए बेवसाइट www.confonet.nic.in भी बना रखी है। इस साइट पर क्लिक करते ही एक वेब पेज खुलेगा, जिसमें केस हिस्ट्री, एसएमएस, जजमेंट, केस लिस्ट और स्टेटस का विकल्प होगा। इन विकल्पों पर क्लिक कर उपभोक्ता मुकदमों की तारीख, सुनवाई की स्थिति को आसानी से जान सकेंगे।
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जजमेंट विकल्प पर क्लिक करने पर मुकदमा संख्या मांगी जाएगी। इसका विवरण देते ही आपके मुकदमे में किस तारीख पर क्या निर्णय हुआ, इसका पूरा ब्यौरा आपकी आंखों के सामने पलक झपकते ही आ जाएगा। जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम में वर्तमान में 1700 मुकदमों का डाटा फीड किया जा चुका है। लिहाजा, इन मुकदमों की जानकारी उपभोक्ताओं को अभी मिल जाएगी। जिला उपभोक्ता आयोग से मुकदमा निस्तारित होने के बाद यदि राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर अपील की गई है तो भी इस वेबसाइट के जरिए मुकदमों की स्थिति से भी उपभोक्ता अपडेट रह सकते हैं।
इस व्यवस्था से वादकारियों, अधिवक्ताओं को लाभ मिलेगा। वहीं आयोग में भी भीड़ कम होगी। हालांकि, अभी कई कार्य मैनुअल हो रहे हैं। समय लगेगा, जल्द ही इस व्यवस्था से वादकारियों को बड़ा लाभ मिलने लगेगा—घनश्याम पाठक अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम।
नए मुकदमे दाखिल करने वालों के मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किए जाते हैं, जबकि पूर्व में दाखिल मुकदमों के उपभोक्ताओं से भी मोबाइल नंबर लिया जा रहा है। एसएमएस से भी सूचना भेजी जा रही है—प्रशांत गुप्ता, तकनीकी सहायक।
आज ही जिला उपभोक्ता आयोग के नोटिस बोर्ड पर वादकारियों और अधिवक्ताओं के लिए ऑनलाइन परिवाद दाखिल करने की सूचना चस्पा हुई है। कई बार प्रयास किया, लेकिन वेबसाइट काम नहीं कर रही है। कानूनी औपचारिकताओं का पालन किए बगैर अधिवक्ताओं की सलाह-सहायता के बिना आम परिवादियों के लिए परिवाद दायर कर पाना मुमकिन नहीं होगा। अधिवक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा—मुहम्मद खालिद जिलानी(उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता)
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