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अमृत विचार, पीलीभीत। खाद्य विभाग में लंबी पारी खेलने वाले आरएमओ राममूर्ति वर्मा पर शासन ने शिकंजा कस दिया है। शासन ने इनके खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। बिथरी चैनपुर से निवर्तमान भाजपा विधायक पप्पू भरतौल ने आरएमओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए इनकी शासन में शिकायत की थी। राममूर्ति वर्मा पिछले पांच सालों से आरएमओ बरेली के पद पर तैनात थे। इनके कार्यकाल का करोड़ों रूपए का सरकारी चावल पीलीभीत समेत बरेली मंडल की कई राइस मिलों में आज भी फंसा है।
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बरेली के पूर्व सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी राममूर्ति वर्मा की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई हैं। बिथरी चैनपुर से निवर्तमान भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने इनकी शासन में शिकायत की थी। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को भेज गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि पांच वर्षों में आरएमओ राममूर्ति वर्मा द्वारा सरकारी धान और गेहूं खरीद में मनचाहे ठेके देकर करोड़ों रूपए की काली कमाई की गई है।
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जिससे न सिर्फ फैजाबाद में बेशकीमती जमीनों की खरीद फरोख्त की गई बल्कि लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर में भव्य कोठी भी बनाई गई है। पत्र में राममूर्ति की तैनाती वाले जनपदों के कार्यकाल की सतर्कता विभाग से जांच कराने की मांग की गई है। इधर, शासन ने निवर्तमान भाजपा विधायक की शिकायत पर आरएमओ के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। संयुक्त सचिव सतर्कता विभाग देवी शंकर शुक्ल ने शिकायती पत्र की पुष्टि के लिए निवर्तमान विधायक पप्पू भरतौल को पत्र भेजा है। निवर्तमान विधायक ने भी सतर्कता विभाग को पत्र भेज कर पूर्व में भेजे गए शिकायती पत्र की पुष्टि की है।
बरेली में पांच साल की तैनाती के दौरान आरएमओ राममूर्ति वर्मा ने सरकारी धान व गेहूं खरीद में माफियाओं को मनचाहे ठेके देकर
करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया था। इनकी सतर्कता विभाग से जांच कराने के लिए एसीएस होम को शिकायती पत्र दिया गया है। इस संबंध में सतर्कता विभाग की ओर से पुष्टि के लिए पत्र भेजा गया है। सतर्कता विभाग को प्रकरण की पुष्टि कर दी गई है— राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, निवर्तमान भाजपा विधायक।
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